मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
इसकी दुकान तो खूब चलेगी.
कुछ दिनों में नोट वाली माला बाजार में जरुर बिकेंगी ... बनियो को एक माला की नई वेरायटी भी मिल जाएगी ...
माया-माला के नाम से माला पेटेण्ट करा ली जाये! :)
हा हा!!
माला फेरत जुग भया, गया ना मन का फेर ! मनका मनका डारिके, मनका मनका फेर ! मुझे तो अपने द्वाराचार में पहनाई गयी एक-एक के नोटों की माला याद आ रही है डूबे जी !
इसे कहते हैं मछली की आँख देखना ।
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7 टिप्पणियां:
इसकी दुकान तो खूब चलेगी.
कुछ दिनों में नोट वाली माला बाजार में जरुर बिकेंगी ... बनियो को एक माला की नई वेरायटी भी मिल जाएगी ...
माया-माला के नाम से माला पेटेण्ट करा ली जाये! :)
हा हा!!
माला फेरत जुग भया, गया ना मन का फेर ! मनका मनका डारिके, मनका मनका फेर ! मुझे तो अपने द्वाराचार में पहनाई गयी एक-एक के नोटों की माला याद आ रही है डूबे जी !
इसे कहते हैं मछली की आँख देखना ।
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