मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
sahi tasveer.
टेक्टलेस रीट्रीट!
जी हाँ, हम अपना दायित्व ऐसे ही जाया करने देते हैं . बस नज़र नज़र का फेर है.अर्ज़ किया है कि - समस्याओं केनिराकरण मेंउलटे घड़े कीयाद आती है,नेताओं कोक्या कहें उनके तकले मेंनहीं समाती है .[] राकेश 'सोहम'
baDHiyaa hai
सटीक!
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5 टिप्पणियां:
sahi tasveer.
टेक्टलेस रीट्रीट!
जी हाँ, हम अपना दायित्व ऐसे ही जाया करने देते हैं . बस नज़र नज़र का फेर है.
अर्ज़ किया है कि -
समस्याओं के
निराकरण में
उलटे घड़े की
याद आती है,
नेताओं को
क्या कहें
उनके तकले में
नहीं समाती है .
[] राकेश 'सोहम'
baDHiyaa hai
सटीक!
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