मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
आज कल क्या करें लोग हाथ धोकर आलू छीलते नज़र आ रहे हैं आप तो जारी रखिए
एक टिप्पणी भेजें
1 टिप्पणी:
आज कल क्या करें लोग हाथ धोकर आलू छीलते नज़र आ रहे हैं आप तो जारी रखिए
एक टिप्पणी भेजें