मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
लाजवाब
अच्छा कार्टून है ...किंतु व्यंग्य में चटखीलापन का न होना खल रहा है। हाँ यह सच्चाई निश्चित ही असाधारण व्यथा है आम मानस के लिये, जिसे प्रस्तुत करने के लिये आप बधाई के पात्र हैं।***राजीव रंजन प्रसाद
सुन्दर! ज्यादा प्रतिक्रिया पाने के लिये वर्ड वेरीफ़िकशन हटायें। सब लोग हम लोगों की तरह मेहनती नहीं होते।
बढिया कार्टून बनाया है....अच्छा लगा। हाय...महंगाई...महंगाई...महंगाई ..तू कहां से आई, तुझे क्यों मौत न आई....गाना याद आ रहा है।
बिल्कुल सही!
बहुत सही कहा जी.
बहुत बढिया...
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7 टिप्पणियां:
लाजवाब
अच्छा कार्टून है ...किंतु व्यंग्य में चटखीलापन का न होना खल रहा है। हाँ यह सच्चाई निश्चित ही असाधारण व्यथा है आम मानस के लिये, जिसे प्रस्तुत करने के लिये आप बधाई के पात्र हैं।
***राजीव रंजन प्रसाद
सुन्दर! ज्यादा प्रतिक्रिया पाने के लिये वर्ड वेरीफ़िकशन हटायें। सब लोग हम लोगों की तरह मेहनती नहीं होते।
बढिया कार्टून बनाया है....अच्छा लगा। हाय...महंगाई...महंगाई...महंगाई ..तू कहां से आई, तुझे क्यों मौत न आई....गाना याद आ रहा है।
बिल्कुल सही!
बहुत सही कहा जी.
बहुत बढिया...
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