6 मार्च 2011

ek cartoon

3 टिप्‍पणियां:

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

वाह! बहुत बढिया. एकदम सही बात. प्रैस में जब इलैक्ट्रॉनिक टेलीप्रिन्टर आ गया, तो हम लोगों का मन लिखने में नहीं लगता था, कारण पुराने खटखटिया टेलिप्रिंटर के शोर की आदत जो पड़ गई थी. उसकी आवाज़ में ही लिखने का मन बनता था :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

mazedaar...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यह आदत किसी को न लगे।