मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
लो जी, पकड़ने के चक्कर में खुद ही धरा गये.
बढिया व्यंग्य
वाह जी वाह! एकदम सटीक.
वाह बहुत सही.
यह मत्स्य तो हार्पून भी खा ले रहा है! :)
एक टिप्पणी भेजें
5 टिप्पणियां:
लो जी, पकड़ने के चक्कर में खुद ही धरा गये.
बढिया व्यंग्य
वाह जी वाह! एकदम सटीक.
वाह बहुत सही.
यह मत्स्य तो हार्पून भी खा ले रहा है! :)
एक टिप्पणी भेजें