मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
मत झुलसाना न भरमानाहर घर में खुशियाँ दे आनाआए तो स्वागत नवल वर्षअबके आँसू मत दे जाना !ओ नवल वर्ष ओ धवल वर्षशिशु सा आकर्षण ले आना
देखते ही हंसी निकल गयी.
शासन और अनुशासन की कमियों पर प्रहार करते एक और अच्छे व्यंग्य के लिए बधाईआपका विजय
बहुत सही, दुबे जी.नववर्ष की मंगलकामनाऐं.
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मत झुलसाना न भरमाना
हर घर में खुशियाँ दे आना
आए तो स्वागत नवल वर्ष
अबके आँसू मत दे जाना !
ओ नवल वर्ष ओ धवल वर्ष
शिशु सा आकर्षण ले आना
देखते ही हंसी निकल गयी.
शासन और अनुशासन की कमियों पर प्रहार
करते एक और अच्छे व्यंग्य के लिए बधाई
आपका
विजय
बहुत सही, दुबे जी.
नववर्ष की मंगलकामनाऐं.
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