मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
हम क्या कहें - न कर्जा लिया न दिया! :-(
karj bhi pandrah saal purana lag raha hai
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2 टिप्पणियां:
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