मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
are wah, lekin thode dinon baad tukdon men milenge tamatar
बहुत खूब दूबे जी अगर नीचे टमाटर का संदर्भ नहीं दिया होता तो मैं सोचता कि सरकार द्वारा बोनस के नाम पर दिए गए छींटों के बारे में बात हो रही है। बोनस घटते घटते इतना कम रह गया है कि इससे सब्जी खरीदने की लक्जरी ही की जा सकती है।
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are wah, lekin thode dinon baad tukdon men milenge tamatar
बहुत खूब दूबे जी
अगर नीचे टमाटर का संदर्भ नहीं दिया होता तो मैं सोचता कि सरकार द्वारा बोनस के नाम पर दिए गए छींटों के बारे में बात हो रही है। बोनस घटते घटते इतना कम रह गया है कि इससे सब्जी खरीदने की लक्जरी ही की जा सकती है।
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