4 जून 2008

cartoon


doobeyji

7 टिप्‍पणियां:

कुश ने कहा…

भाई वाह! क्या कटाक्ष मारा है

बालकिशन ने कहा…

जोरदार व्यंग्य.
एक बात कहना चाहूँगा कार्टून की हैडिंग भी दिया करें तो और अच्छा लगेगा.

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सही.

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा…

बहुत अच्छा कटाक्ष।

***राजीव रंजन प्रसाद

lovefresher ने कहा…

KUCH KAMI REH GAYI

samagam rangmandal ने कहा…

हा!हा!हा!.........बढिया....पीछे बैठे साँड को भी बडा आश्चर्य हो रहा है,कि आज पान की दुकान छोड,जनाब यहाँ,इस अनोखी मुद्रा में क्या कर रहें है। मंत्रीयो के काफिले ,बढते पैट्रोल के दाम.....चुपचाप खडे डुबे जी की पैट्रौल खत्म न हो। मजा आया।

samagam rangmandal ने कहा…

हा!हा!हा!.........बढिया....पीछे बैठे साँड को भी बडा आश्चर्य हो रहा है,कि आज पान की दुकान छोड,जनाब यहाँ,इस अनोखी मुद्रा में क्या कर रहें है। मंत्रीयो के काफिले ,बढते पैट्रोल के दाम.....चुपचाप खडे डुबे जी की पैट्रौल खत्म न हो। मजा आया।