मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
वाह क्या कारटून है? गाय घास चर कर चली गई।
साईकिल तो धमाके में उड़ गई दिखे है. :)
साँप निकल गया........साईकिल घसीटते रहे........
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3 टिप्पणियां:
वाह क्या कारटून है? गाय घास चर कर चली गई।
साईकिल तो धमाके में उड़ गई दिखे है. :)
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