मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
हाँ ठीक ही है.जनता भी खुश, नेता भी खुश. और चमचों की तो पूछिये मत.कुल मिलाकर ये की लोकतंत्र मे बहार आ जायेगी.
सच है बदनामी का डर भी नहीं.. :)***राजीव रंजन प्रसाद
अच्छे चर्चे है आजकल चीयर गर्ल के...:)भाजी वाला कार्टून भी देखा था जो कह रहा था एक ठौ चीयर गर्ल को बुलाई लें भाजी नाही बिक रही हैं..
पानी गायब हुआ तो १० १२ रुपये में बिकने लगा। अब लोगो के चेहरे से खुशियाँ गायब हुई ,तो किराए की चियर गर्ल्स में क्या बुराई? बढिया कार्टून है।
:)बढ़िया है, बुलवा ही लिजिये.
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5 टिप्पणियां:
हाँ ठीक ही है.
जनता भी खुश, नेता भी खुश. और चमचों की तो पूछिये मत.
कुल मिलाकर ये की लोकतंत्र मे बहार आ जायेगी.
सच है बदनामी का डर भी नहीं.. :)
***राजीव रंजन प्रसाद
अच्छे चर्चे है आजकल चीयर गर्ल के...:)
भाजी वाला कार्टून भी देखा था जो कह रहा था एक ठौ चीयर गर्ल को बुलाई लें भाजी नाही बिक रही हैं..
पानी गायब हुआ तो १० १२ रुपये में बिकने लगा। अब लोगो के चेहरे से खुशियाँ गायब हुई ,तो किराए की चियर गर्ल्स में क्या बुराई? बढिया कार्टून है।
:)
बढ़िया है, बुलवा ही लिजिये.
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