मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
बस अब इनकी ही बारी है।
सरकार चोटी रखने का आदेश न दे दे कहीं.
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बस अब इनकी ही बारी है।
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