मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
कहां चले गये थे आप... इतने दिनों बाद वापस आ ये हैं... चारों कार्टून ही बढ़िया हैं>..
बहुत बढिया. कहां गुम हो जाते है आप?
धन्य भये..आप दिखे...सचमुच गणपति की कृपा है.
बेहतरीन व्यंग्य चित्रों के लिए बधाईतेरे जैसा प्यार कहाँ????आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
bahut badhiya bhai sahab..lajawab vyang..yun hi dikhte rahiye blog par..
बढ़िया है ।
एक टिप्पणी भेजें
6 टिप्पणियां:
कहां चले गये थे आप... इतने दिनों बाद वापस आ ये हैं... चारों कार्टून ही बढ़िया हैं>..
बहुत बढिया. कहां गुम हो जाते है आप?
धन्य भये..आप दिखे...सचमुच गणपति की कृपा है.
बेहतरीन व्यंग्य चित्रों के लिए बधाई
तेरे जैसा प्यार कहाँ????
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
bahut badhiya bhai sahab..
lajawab vyang..
yun hi dikhte rahiye blog par..
बढ़िया है ।
एक टिप्पणी भेजें