मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
रात होने में तो देर है, तब तक ठेकेदार दे जायेगा. :)
सही है आभार्
सही है. वर्ना अब नींद कैसे आएगी.
खाने और सोने का सुख तो यही है भैये !खींच के खाया जाये और तान कर सोया जाये ! 'सुखिया सब संसार, खावे और सोवे!!' [मेरा व्यंग्य सखी फरवरी २०१०]
excellent
सोने की ईंट से काम चला लें.
एक तकिये जितना मिल जाता तो तर जाते हम! :-)
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7 टिप्पणियां:
रात होने में तो देर है, तब तक ठेकेदार दे जायेगा. :)
सही है आभार्
सही है. वर्ना अब नींद कैसे आएगी.
खाने और सोने का सुख तो यही है भैये !खींच के खाया जाये और तान कर सोया जाये ! 'सुखिया सब संसार, खावे और सोवे!!' [मेरा व्यंग्य सखी फरवरी २०१०]
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सोने की ईंट से काम चला लें.
एक तकिये जितना मिल जाता तो तर जाते हम! :-)
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