मेरे लिए कार्टून एक विधा से बढकर,व्यंग के सारथी के समान,एक सामाजिक आंदोलन हैं.....
mast bhai mast... :)
बहुत बढिया..
उम्दा प्रस्तुति!! वाह!(अबकी बार बदल दिया ’सटीक’ से. :))
डूबे जी उम्मीद है आपकी तूलिका से निकसे उत्तरोत्तर श्रेष्ठ व्यंग्य पाठकों को चिंतन हेतु मजबूर करते रहेंगे.-विजय
चलिए, सत्यम का असत्य किसी के तो काम आया।
वाह क्या आइडिया है जरा बताइये मनमोहनजी को जो इंदिरा गांधी न कर सकीं वह राजू भाई की कंपनी ने कर दिखाया !
हा-हा-ही-ही-हू-हू, सरकारी रिपोर्ट ऐसी ही होती हैं.
gajab bahut shandar,jandaar.lage raho bhaiji.apka photo b accha hai.
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8 टिप्पणियां:
mast bhai mast... :)
बहुत बढिया..
उम्दा प्रस्तुति!! वाह!
(अबकी बार बदल दिया ’सटीक’ से. :))
डूबे जी
उम्मीद है आपकी तूलिका से निकसे
उत्तरोत्तर श्रेष्ठ व्यंग्य पाठकों को
चिंतन हेतु मजबूर करते रहेंगे.
-विजय
चलिए, सत्यम का असत्य किसी के तो काम आया।
वाह
क्या आइडिया है
जरा बताइये मनमोहनजी को
जो इंदिरा गांधी न कर सकीं
वह राजू भाई की कंपनी ने कर दिखाया !
हा-हा-ही-ही-हू-हू, सरकारी रिपोर्ट ऐसी ही होती हैं.
gajab bahut shandar,jandaar.lage raho bhaiji.apka photo b accha hai.
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